Shimla News : मानसून के विदा होते ही सैलानियों ने अब शिमला में डेरा डाल लिया है। पिछले तीन दिनों से भारी तादाद में सैलानियों ने शिमला का रूख किया है। आलम यह है कि शिमला में 70 फीसदी होटल भर गए हैं, जो एक सप्ताह पहले 30 फीसदी थी। पिछले सप्ताह के अंत में एक साथ तीन छुट्टियां होने से पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में सैलानियों ने शिमला की वादियों को निहारा।
सैलानियों के बढ़ने से पर्यटन कारोबारियों के चेहरे खिल गए हैं। यहां के ऐतिहासिक माल रोड व रिज मैदान पर सोमवार को दिन भर पर्यटकों की चहल-पहल देखी गई
शिमला पहुंचकर गदगद हो रहे पर्यटक
पंजाब के लुधियाणा से परिवार सहित घूमने आए अनमोल सिंह ने बताया कि बारिशों का दौर खत्म होने से सब सामान्य हो गया है और उनका परिवार शिमला की वादियों का लुत्फ उठा रहा है। उन्होंने कहा कि शिमला में आकर कहीं भी ऐसा नहीं लगा कि यहां आपदा ने कहर बरपाया हो। उन्होंने कहा कि मेरा अन्य पर्यटकों से भी आग्रह है कि वे बिना किसी भय के शिमला आकर यहां की प्राकृतिक सुदरता का आनंद उठाएं।
हरियाणा के झज्जर से आए पर्यटक सूरज, बिनोद, सुमेश का कहना है कि उन्होंने काफी समय से दोस्तों के साथ शिमला घूमने की योजना बनाई थी, लेकिन इस बीच आपदा आ गई, इससे हम लोगों ने अपना कार्यक्रम रदद कर दिया था। हालांकि, अब हालात सामान्य हो गए हैं और हम पिछले तीन दिन से शिमला की वादियों का आनंद ले रहे हैं।
शिमला होटलियर एसोएिशन के उपाध्यक्ष प्रिंस कुकरेजा ने बताया कि मानसून सीजन में शिमला के साथ राज्य के अन्य क्षेत्रों में हुई तबाही से पर्यटक सहम गए थे, लेकिन अब पर्यटकों ने शिमला का रूख करना शुरू कर दिया है। आपदा के बाद यह पहला वीकएंड रहा जब भारी तादाद में सैलानी शिमला की वादियों को निहारने पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिनों में शिमला के 70 फीसदी होटल सैलानियों से भरे रहे।
कालका से शिमला के लिए तीन माह बाद दौड़ेगी रेल
शिमला के लिए पिछले तीन माह से ठप रेलसेवा मंगलवार से पुनः बहाल हो जाएगी। बीते 14 अगस्त को समरहिल में पहाड़ दरकने से क्षतिग्रस्त हुई शिमला-कालका रेलमार्ग में मरम्मत कार्य पूरा कर लिया गया है। रेलवे के अधिकारियों ने मंगलवार से इस रेल मार्ग पर रेल सेवा शुरू करने का दावा किया है। इससे पर्यटकों को शिमला आने में सहूलियत मिलेगी।
14 अगस्त को तबाह हुआ था शिव बावड़ी मंदिर, 20 लोगों की गई थी जान
शिमला के सरमहिल के समीप एडवांस स्टडी में 14 अगस्त को पहाड़ दरकने के कारण हुए भूस्खलन से रेलमार्ग क्षतिग्रस्त होकर हवा में लटक गया था। भूस्खलन ने रेल मार्ग के 100 मीटर नीचे स्थित शिव बावड़ी मंदिर को तबाह कर दिया था। इस हादसे में मंदिर में मौजूद 20 श्रद्धालुओं की मौत हुई और कई दिनों तक चले सर्च आपरेशन के बाद श्रद्धालुओं के शव निकाले गए थे। इस भयानक हादसे के बाद शिमला में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की जा रही थी।
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