Turai Benefits In Sugar : Diabetes (शुगर) ऐसी बीमारी है जिसमें लगातार डाइट का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है। इस बीमारी में लो कार्ब और लो कैलोरी वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए जिसके मेटाबोलिज्म के बाद शरीर में शुगर की मात्रा न बढ़े।
इसके अलावा हाई फाइबर और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स का सेवन भी इस बीमारी में फायदेमंद माना जाता है। ऐसे में इस सब्जी का सेवन आपको कई समस्याओं से बचा सकता है। कैसे, जानते हैं इस बारे में विस्तार में।
लो कैलोरी और कार्ब वाली है तोरई
तोरई में कैलोरी और कार्ब्स की मात्रा बिल्कुल कम होती है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए ये एक अच्छा विकल्प हो सकता है। दरअसल, डायबिटीज में नियमित रूप से तोरई का सेवन करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। साथ ही इंसुलिन के प्रोडक्शन को भी बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
पेप्टाइड्स और एल्कलॉइड्स से भरपूर
तोरई पेप्टाइड्स और एल्कलॉइड्स से भरपूर है जो कि शुगर मेटाबोलिज्म को तेज करने में मदद कर सकती है। ये आपके शरीर में इंसुलिन के प्रोडक्शन को नियमित करने के साथ शुगर मेटाबोलिज्म को तेज करती है। इससे आप जो भी खाते हैं और इससे जितना भी शुगर प्रड्यूस होता है उन सबको पचाने में मदद मिलती है।
फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर
तोरई, फाइबर का विशाल भंडार है, जो भूख को नियंत्रित करने, क्रेविंग को रोकने और वजन बढ़ने को नियंत्रित करने में सहायता करती है। इसके अलावा, यह गूदेदार हरी सब्जी फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होती है जिसमें हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं, जो भोजन के बाद ब्लड शुगर के स्तर को अचानक बढ़ने से रोकती है। इस प्रकार से तोरई पाचन, चयापचय और इंसुलिन कार्यों को उत्तेजित करती है और मधुमेह को नियंत्रण में रखने में मदद कर सकती है।
डायबिटीज में तोरई खाने का सही तरीका
डायबिटीज में आप तोरई को कई प्रकार से खा सकते हैं। जैसे कि पहले तो सब्जी बनाकर। दूसरा आप इसे रायता और चटनी बनाकर भी ले सकते हैं। कुछ लोग इसका चोखा बनाकर भी खाते हैं। तो, अगर आपको डायबिटीज है तो इस सब्जी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
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